Saturday, August 11, 2018

नालंदा डायरी भाग ~ 3 nalanda-rajgir journey

               

                 नालंदा-राजगीर यात्रा- यात्रा पुर्नजन्म की, भाग - 3


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पुराने ईंट के खंडहरो, टूटी फूटी दीवारों और एक आम इंसान के लिए उल -जलूल चीजें दिखाने के लिए भरी बरसात में लंबी बाइक यात्रा करवाने और तमाम सारी जहालतो के बाद मैं अपने दोनों साथियों से ढेरों  उलाहनो, तानो और कुछ एक विशेषणो से सम्मानित होने के बावजूद मजे ले रहा था। फिर जैसे तैसे मन मार कर उत्खनन साइट से बाहर आए, तो ठीक सामने सड़क उसपार नालंदा संग्रहालय की ईमारत है। तो मुँह उठाए नाक की सीध में चलते चले गये, टिकट तो पहले से ही ले रखा था। एक लंबे रास्ते के बाद एक साधारण सी ईमारत के पास आ खड़े हुए इसके भीतर ही खुदाई से निकली चीजें सुरक्षित रखी हुई है।

Wednesday, August 8, 2018

नालंदा डायरी भाग~२ nalanda-rajgir journey


                                  
                                         नालंदा-राजगीर यात्रा ~  पुर्नजन्म की यात्रा,  भाग - 2


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आखिरकार मैं अपनी इच्छित जगह पर पहुँच चुका था, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था और मेरे दोनों मित्र मुझे अजीब सी नजरों से देख रहे थे। खैर यह एक छोटी सी जगह थी जहाँ एक तरफ ढाबेनुमा खाने पीने की दुकानें और दुसरी तरफ ढेर सारी यादगार जैसी वस्तुओं की दुकानें थी जहाँ बुद्ध की मुर्तियाँ घर की मुर्गी दाल बराबर हो रही थी।

Tuesday, August 7, 2018

नालंदा डायरी भाग ~ 1 nalanda-rajgir journey


                                        नालंदा-राजगीर  यात्रा ~ पुर्नजन्म की यात्रा, भाग - 1


विज्ञान वर्ग का विद्यार्थी होते हुए भी, इतिहास के प्रति बहुत ही लगाव और झुकाव हमेशा से रहा है, इसलिए मेरी घुम्मकड़ी भी ऐतिहासिक जगहों के आस पास ही मंडराती रहती है। मेरी हमेशा से दिलचस्पी रही है किताबों में वर्णित जगहों पर जाना उन्हे साक्षात देखना, महसूस करना, समझना और सीख लेना। यद्यपि की ढ़ेर सारे ऐतिहासिक स्थलों की सैर कर चुका हूँ, तथापि अपने से सबसे पास स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के खडंहरो को देखने की हार्दिक इच्छा ना जाने कब से थी। शायद स्कूल के दिनों में इतिहास की किताबों में देखी गई नालंदा विश्वविद्यालय के खडंहरो की तस्वीरों बाद ही, अभी हाल ही में उसे UNESCO की वर्ल्ड धरोहर में शामिल किया गया था, उन्ही दिनों अभयानंद सिन्हा जी का राजगृह यात्रा वर्णन पढ़ने को मिला और उसने आग में घी का काम किया।

Sunday, August 5, 2018

काठमांडू यात्रा भाग 5 kathmandu journey

#नेपाल_यात्रा #भाग_5 #पोखरा


पिछली रात सुबह जल्दी उठने का निश्चय करके सोया गया था, ताकि सुबह जल्दी से 5km दूर नागरकोट जाकर सुर्योदय का दृश्य ले पाए, पर हालात ये थे की सुबह 7:30तक कोई भी उठ नही पाया और सुर्य देव किसकी प्रतीक्षा करते भला, ठीक-ठाक धुप निकल चुकी थी। सभी तैयार होकर नीचे आए तो होटल मालिक हमें देख कर खुब हंसा। फिर भी हमने नागरकोट जाकर उपर से मनोरम दृश्य देखने और फिल्माने का निर्णय किया। और निकल पड़े पोखरा दर्शन यात्रा पर।

यहाँ उपर पहुँच कर सारा पोखरा हमारे सामने था,वैसे पोखरा शब्द का अर्थ भोजपुरी या नेपाली भाषा में तलाब या झील होता है।

उपर बर्फ से लदी ढ़की अन्नपुर्णा श्रेणी की फिशटेल तरह की चोटी चमक रही थी। जिसे भुगोल की भाषा में हार्न कहते है, माउंट एवरेस्ट भी एक हार्न है और कुछ ऐसा ही दिखता है। पुरी श्रृखला की झील के पानी में प्रतिबंब नजर आ रहा था, जो पोखरा की खास पहचान है।